दिनचर्या
परम पूज्य महाराज श्री एवं श्रद्धेय आचार्य श्री के संकल्पों से पोषित पतंजलि वेलनेस का यह एक अद्वितीय केंद्र है जहाँ योग, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा, पञ्च कर्म, यज्ञ चिकित्सा एवं एक्यूप्रेसर रूपी समन्वित चिकित्सा पद्धति द्वारा स्वास्थ्य साधकों को आरोग्य लाभ दिया जाता है। भोर की पावन बेला में ही प्राकृतिक चिकित्सा एवं रोगानुसार योगाभ्यास से सभी स्वास्थ्य साधकों को आरोग्य की यात्रा पर आरूढ़ किया जाता है। पतंजलि सेंटर में परम पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज एवं श्रद्धेय आचार्य जी के कुशल नेतृत्व में प्रशिक्षित वैद्यों एवं योगाचार्यों द्वारा प्रामाणिक चिकित्सा द्वारा सभी स्वास्थ्य साधकों को आरोग्य लाभ दिया जाता है। स्वास्थ्य साधकों का सहज तपस्वी जीवनक्रम प्रातः 4:00 बजे सकारात्मक सोच के साथ प्रारम्भ होता है तथा दिनभर विभिन्न प्रकार की चिकित्सा व्यवस्था में भाग लेकर पूर्ण शान्ति एवं विश्राम की अवस्था में रात्रि 9:30 बजे समाप्त होता है। एक ओर जहाँ आज व्यक्ति की दिनचर्यां पूर्ण रूप से अव्यवस्थित है वहीं हमारे पतंजलि वैलनेस सेंटर में एक आदर्श दिनचर्या का पालन कराया जाता है जिसे आप 7 से 10 दिन के अभ्यास से अपने स्वभाव का हिस्सा बना लेते हैं और फिर आगे घर जाकर भी निरंतरता के साथ आगे बढ़ा सकते हैं।
“आप देर कर सकते हैं पर समय नहीं। जीवन क्रम की प्रगति में विश्वास रखें। “
आवासीय चिकित्सक से परामर्श का समय:
प्रात: 09:00 से 01:00 बजे तक
सायं: 02:30 से 05:00 बजे तक
चिकित्सा कार्यक्रम –
- जागरण: प्रातः काल 3:45 बजे से 4:00 बजे- माता भूमिः पुत्रो अहं पृथिव्याः मंत्र का उच्चारण कर भूमि को प्रणाम करें तत्पश्चात प्रसन्न हृदय से मुस्कुराते हुए ईश्वर को धन्यवाद दें और सोचें “मैं ऋषियों की संतान हूँ। मैं रोगी नहीं अपितु योगी हूँ। योग, आयुर्वेद, नेचुरोपैथी की भारतीय चिकित्सा के आश्रय में हूँ और निश्चित रूप से मैं स्वस्थ हो जाऊंगा इस प्रकार के सकारात्मक विचारों से अपने आप को युक्त कर लें और सब प्रकार के तनावों से अपने आप को मुक्त कर लें। इस प्रकार दिव्य चेतना, गुरु चेतना एवं भागवत चेतना से युक्त होकर पूरे दिनभर ऊर्जान्वित रहें। आने वाला प्रत्येक क्षण नया है और मैं जीवन के नए और सार्थक अनुभव के लिए प्रसन्नतापूर्वक आगे बढ रहा हूँ”
- 4:00 बजे से 5:00 बजे- षट्कर्म, (योग भवन के दाईं ओर) एनीमा (मेल ट्रीटमेंट सेंटर योग भवन के सामने एवं फीमेल ट्रीटमेंट सेंटर ब्लॉक नंबर (05)
- 5:00 बजे से 5:15 बजे-नींबू-शहद-पानी और रोगानुसार क्वाथ (योग भवन के बाहर)
- 5:15 बजे से 7:30 बजे-वैदिक मंत्रोचार के साथ प्रार्थनापूर्वक योग चिकित्सा (यौगिक जॉगिंग आसन, प्राणायाम एवं ध्यान- रोगानुसार योगभवन में
- 7:30 बजे से 8:00 बजे-मिट्टी चिकित्सा पट्टी (योग भवन में)
- 8:00 बजे से 9:00 बजे- प्रातः काल अल्पाहार के मध्य (श्रद्धालयम “OPD” के ठीक नीचे बेसमेंट में)
- 9:00 बजे से 12:00 बजे-रोगानुसार पंचकर्म एवं प्राकृतिक चिकित्सा । एवं एक्यूप्रेशर चिकित्सा (मेल ट्रीटमेंट सेंटर / फीमेल ट्रीटमेंट सेंटर) यज्ञ (योग भवन में)
- दोपहर का भोजन-12:00 बजे से 1:30 बजे के बीच (श्रद्धालयम “OPD” के ठीक नीचे बेसमेंट में)
- 2:00 बजे से 5:00 बजे के बीच-रोगानुसार पंचकर्म एवं प्राकृतिक चिकित्सा एक्यूप्रेशर चिकित्सा (मेल ट्रीटमेंट सेंटर फीमेल सेंटर)
- 5:00 बजे से 5:30 बजे –रस चिकित्सा (श्रद्धालयम “OPD” के ठीक नीचे बेसमेंट में)
- 5:00 बजे से 5:45 बजे –सामान्य विश्राम एवं भ्रमण (नेचर वॉक)
- 6:00 बजे से 7:30 बजे-रोगानुसार योग, आसन, प्राणायाम एवं ध्यान (योग भवन में)
- 7:30 बजे से 9:00 बजे-रात्रि भोजन (रोगानुसार चिकित्सा) (श्रद्धालयम “OPD” के ठीक नीचे बेसमेंट में)
- 9:00 बजे से 9:30 बजे-रात्रि-क्वाथ वितरण (श्रद्धालयम “OPD” के ठीक नीचे बेसमेंट के बाहर)
- रात्रि 9:30 बजे- भोजनोपरांत प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में भ्रमण पश्चात अपने कक्ष में जाएं और कक्ष की लाइट बंद कर प्रार्थना करें कि आज का पूरा दिन आदर्श दिनचर्या का पालन करते हुए व्यतीत हुआ एवं प्रातः काल पुनः 4 बजे उठने के संकल्प को घना करते हुए विश्राम में चले जाएं।
नोट:
- आप सभी स्वास्थ्य साधक आरोग्य लाभ के लिए यहां पर आए हैं, अतः पूरी तरह दिनचर्या का पूर्ण अनुशासन में रहकर पालन करें। प्रातः एवं सांय अनिवार्य रूप से योग सत्र में उपस्थित रहें। वैद्यों द्वारा निर्दिष्ट सभी उपचारों को श्रद्धापूर्वक नियमित रूप से लें। स्वास्थ्य साधक योग सत्रों एवं उपचार कक्षों में मोबाइल लेकर न जाएं।
- प्रतिदिन आये नये स्वास्थ्य साधकों को संक्षिप्त सूचना सायं 7:00 बजे (मार्च-अक्टूबर) एवं सायं 6:30 बजे (नवम्बर-फरवरी) होगी।
- यदि शनिवार की सुबह शंखप्रखशालन किया है तो स्वास्थ्य साधकों को घी युक्त खिचड़ी का सेवन अनिवार्य है तथा उस दिन दोपहर 2:00 बजे तक विश्राम करना अनिवार्य है।